सावन का महीना देवों के देव महादेव को बहुत ही प्रिये है। यहीं कारण है की उनके भक्त भी इस महीने उनकी पूजा अर्चना कर उनको ख़ुश करने में लगे रहते है। हिन्दू धर्म में सावन महीनों को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस समय ज़्यादातर लोग अपने खान पान में खासा बदलाव करते है। और केवल शुद्ध शाकाहारी भोजन ही करते है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्त काँवर यात्रा और भगवान शिव पर जलाभिषेक भी करते है। एसा कहते है जलाभिषेक से प्रसन्न होकर महादेव भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण करते हैं। इस ब्लॉग में हम सावन माह से जुड़े 11 महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले है।
भगवान शिव को प्रिये सावन का महीना
पौराणिक कथाओं के अनुसार एसा माना जाता है, जगत जननी माता पार्वती भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या और निराहार रहकर व्रत किया। इसी तपस्या से भगवान शिव बेहद ही प्रसन्न हुए। माँ पार्वती को अर्द्धांगनी के रूप में स्वीकार किया। यही कारण है कि भगवान शिव को यह महीना प्रिये है।
सावन का सोमवार अत्यंत महत्वपूर्ण
सावन का प्रत्येक दिन महत्वपूर्ण माना जाता है। इन दिनों में सबसे महत्वपूर्ण दिन सावन का सोमवार का दिन माना जाता है और इसका एक विशेष महत्व है। एसा कहते है, इस दिन की कई पूजा आपके वैवाहिक जीवन को बेहतर एवं खुशहाल बनता है। इसी के साथ आपके जीवन से कठिनाइयों का नाश होता है। साथ ही आपका स्वास्थ्य अच्छा रहता है। और सावन का सोमवार व्रत करने से कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति मजबूत होती है।
कांवड़ यात्रा से मिलती है भगवान शिव की कृपा
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भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय है। जिसमें कांवड़ यात्रा भी शामिल है। शिवभक्त अपनी पूरी श्रद्धा से कांवड़ यात्रा के नियमों का पालन करते हुए भगवान शिवस्वरूप ज्योतिर्लिंग को जलार्पण करते है। कांवड़ यात्रा एक बेहद ही कठिन यात्रा जिसमे आप नंगे पाव महत्पूर्ण मंदिरो तक जाना होता है। जैसे मेरठ के औघड़नाथ, पुरा महादेव, वाराणसी के बाबा विश्वनाथ मंदिर, झारखंड के वैद्यनाथ मंदिर और बंगाल के तारकनाथ मंदिर।
सावन में हुआ था समुद्र मंथन
समुंद्र मंथन के दौरान हलाहल विष निकला था जिससे विश्व को बचाने के लिए भगवान शिव ने खुद ग्रहण कर लिया था। जिससे उनका शरीर नीला पड़ने लग गया था और जलन शुरू हो गयी थी। एसा कहते है विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी देवताओ ने उनके ऊपर जलार्पित किया। यही कारण है कि शिवलिंग पर आज भी जल चढ़ाने के विशेष महत्व है।
सावन महीने में हरियाली तीज
इस साल तीज व्रत 7 अगस्त 2024 को बुधवार के दिन है। एसा माना जाता है। हरियाली तीज माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। यह कई नामों से जाना जाता है जैसे सावन तीज, सिंधरा तीज, छोटी तीज, हरतालिका तीज, अखा तीज या काजरी तीज भी कहा जाता है। यह पूजा करने से वैवाहिक जीवन अच्छा रहता है। परस्पर प्रेम का आगमन होता है। यह यूपी, बिहार, झारखंड में हरियाली तीज बेहद ही धूमधाम से मनाई जाती है।
सावन में रक्षाबंधन
इस साल सावन के आख़िरी दिन रक्षा बंधन मनाया जायेगा। यानी की 19 अगस्त 20242 को रक्षा बंधन का त्योहार होने वाला है। यह हिन्दुओं का बहुत ही महत्वपूर्ण पारस्परिक त्योहार है। जिसे ई बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है। और भाइयों को इस दिन बहन के हाथों से मिठाइयाँ भी खाने को मिलती है। साथ ही भाई बहन को रक्षा का वचन देते हैं।
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